तुझ संग ही है तुझ संग ही है कितनी दफा सांझ को मेरी मैंने तेरे ही तुझ संग ही है तुझ संग ही है कितनी दफा सांझ को मेरी मैंने तेरे ही
खुद को तेरी उंगलियों पे नचाना है छतों को तेरी सीढ़ियों से सजाना है । खुद को तेरी उंगलियों पे नचाना है छतों को तेरी सीढ़ियों से सजाना है ।
किसी को गौरीनाथ का नसा। किसी को औघड़नाथ का नसा। किसी को गौरीनाथ का नसा। किसी को औघड़नाथ का नसा।
हद से गुज़र केदेखो कभीमोहब्बत कर के देखो कभी हद से गुज़र केदेखो कभीमोहब्बत कर के देखो कभी
बिना बोले बहुत कुछ कह जाते हो,जब कभी धीरे से मुस्कुराते हो,पहले कुछ सुनाते हो, खुद खामोश होकर सबको ह... बिना बोले बहुत कुछ कह जाते हो,जब कभी धीरे से मुस्कुराते हो,पहले कुछ सुनाते हो, ख...
जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान है ! जिसका गहना उसका मान सम्मान है औऱ जिसकी मुस्कुराहट उसके आज़ाद विचारों की पहचान...